श्री राम जन्मभूमि मंदिर को 1000 वर्षों तक नहीं होगी मरम्मत की आवश्यकता

श्री राम जन्मभूमि मंदिर को 1000 वर्षों तक नहीं होगी मरम्मत की आवश्यकता

Subhash Kumar.

उत्तर प्रदेश के अयोध्या धाम में बना रहे भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर की आयु लगभग 1000 वर्ष की है जिसमें 1000 वर्षों तक इस मंदिर को मरम्मत की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही यह मंदिर इतना शक्तिशाली है कि 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप को भी बड़ी आसानी से झेल सकता है।

 

‘पाञ्चजन्य की एक रिपोर्ट के अनुसार’ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया है कि यह मंदिर 6.5 की तीव्रता के भूकंप को बड़ी आसानी से सहन कर सकता है और मंदिर निर्माण की एजेंसी एल&टी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद कुमार मेहता का कहना है कि हमने पिलर की मोटाई बढ़ाई है एवं दीवारों पर भारी पत्थर लगाए हैं। इसके साथ ही मंदिर की नीम को भारी पत्थर लगाकर बेहद मजबूत बनाया गया है ताकि यह भूकंप के सको को आसानी से सहन करते हुए पूरी शक्ति के साथ खड़ा रह सके और इसे कोई हानि ना हो सके।

साभार गूगल

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आगे कहा है कि मंदिर की नींव को पत्थर सीमेंट एवं अन्य चीजों से 50 फीट गहराई तक बनाया गया है। मंदिर के निर्माण में कहीं भी स्टील अथवा लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को इस मंदिर का शिलान्यास किया था इसके उपरांत 50 फीट गहरे 400 फीट लंबे एवं 300 फीट गहरे गड्ढे को सीमेंट एवं छोटे पत्थरों फ्लाय ऐश एवं अन्य इमारती वस्तुओं से कई परत में शक्ति प्रदान की गई है।

 

इस भव्य श्री राम मंदिर में कुल 17000 ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक का भार लगभग 2 तन है। और प्लिंथ बनाने में मिर्जापुर से मंगवाए गए 4 लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर का प्रयोग किया गया है। वहीं राजस्थान के बांसी पहाड़पुर से ले गए 1 लाख क्यूबिक फिट संगमरमर का भी प्रयोग हुआ है। चंपत्नी आगे कहां है कि इस समय 21 लाख क्यूबिक फिट ग्रेनाइट सेंडस्टोन एवं मार्बल का उपयोग मंदिर निर्माण में हो रहा है।

 

चंपत राय ने आगे कहा है कि राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का 80% तक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसमें 162 पिलर तैयार हो गए हैं। केरल एवं राजस्थान के कलाकार मिलकर 4500 मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। यह मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को त्रेता युग के समय का एहसास कराएंगे। वहीं श्री रामलला भव्य मंदिर के प्रथम तल में विराजमान होंगे। साथ ही 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया जाएगा।

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