महुआ मोइत्रा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, लोकसभा में बैठने की नहीं दी अनुमति

Subhash Kumar.
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेश्चन मामले में विवादों से घिरी हुई है। और इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिन बुधवार को लोकसभा महासचिव/सचिवालय को नोटिस जारी करते हुए पार्लियामेंट के सेक्रेटरी को 3 सप्ताह के भीतर समुचित जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निष्कासन के आदेश पर रोक लगाने एवं फरवरी में सुनवाई करने की अपील दोनों को ही ठुकराते हुए अगली सुनवाई 11 मार्च को कर दी है।
जस्टिस संजीव खन्ना एवं जस्टिस दीपंकर दत्ता के बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की है महुआ मोइत्रा की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की। इस दौरान अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बजट सेशन को दृष्टिगत रखते हुए फरवरी में सुनवाई करने एवं राहत देने हेतु गुहार लगाई थी। परंतु सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ही मांगों को ठुकरा दिया है।

साभार गूगल
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा को लेकर एथिक्स कमेटी द्वारा 8 दिसंबर को लोकसभा में रिपोर्ट पेश की गई है। इसी रिपोर्ट को लेकर चर्चा करने के उपरांत महुआ मोइत्रा की सदस्यता को रद्द करने का निर्णय लिया गया था। महुआ ने लोकसभा के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कार्रवाई पर सवाल उठाए थे।