लैंड जिहाद के जरिए हड़पी गई 5000 एकड़ जमीन को धामी सरकार ने कराया मुक्त

लैंड जिहाद के जरिए हड़पी गई 5000 एकड़ जमीन को धामी सरकार ने कराया मुक्त

Subhash Kumar.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी देते हुए कहा है कि अब तक 5000 एकड़ जमीन को लैंड जिहाद से मुक्त करा लिया गया है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार लगातार कार्यरत है। हम किसी भी हाल में उत्तराखंड राज्य के भीतर लैंड जिहाद को सहन नहीं करेंगे। लैंड जिहाद पर सरकार का बुलडोजर चलता ही रहेगा इसके लिए प्रदेश भर में हमारी सरकार अभियान चला रही है।

 

‘एबीपी न्यूज’ की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड राज्य में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होने की शिकायतों के बाद धामी सरकार लगातार काम कर रही है, और शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु अवैध मजारों को हटाने का कार्य जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार अब तक 5000 एकड़ से अधिक की भूमि को लैंड जिहाद से मुक्त कर लिया गया है। राज्य सरकार ने में 2023 तक कल 3793 ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया था जो कि लैंड जिहाद करते हुए हड़प कर अतिक्रमित किए गए हैं।

 

अतिक्रमण की सबसे अधिक संख्या नैनीताल जिले की है, जहां लगभग 1433 स्थान पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है। इसके उपरांत हरिद्वार जिले में 1149 स्थान पर अतिक्रमण है। बड़ी संख्या में अवैध रूप से अतिक्रमित भूमि वाले अन्य जिले भी हैं, जहां अवैध संरचनाओं का निर्माण किया गया है। टिहरी जिले में 209, अल्मोड़ा में 192 एवं चंपावत में 97 स्थानों में अतिक्रमण किया गया है और सर्वाधिक अतिक्रमण वन्य भूमि में किया गया है। जिसे हटाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।

साभार गूगल

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में अभियान शुरू होने से लेकर अब तक लगभग 500 मजारें शासकीय भूमि से हटवाई जा चुकी है। वहीं अवैध रूप से बने हुए 50 मंदिरों को भी तोड़ा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मई 2023 में अधिकारियों ने 90 दिनों के भीतर 330 अवैध मजारों को तोड़कर ध्वस्त करते हुए अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया था। वहीं यदि अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वेक्षण रिपोर्ट की माने तो अभी तक में लगभग 1400 धार्मिक संरचनाओं की पहचान करते हुए अवैध अतिक्रमण की पुष्टि की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध रूप से अतिक्रमण करके लैंड जिहाद का स्वप्न देखने वालों के स्वप्न धरे ही रह जाएंगे।

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