किशोर कुमार बनकर भारत में रह रहे बांग्लादेशी महमूद आलम को पुलिस ने हिरासत में लेकर आईबी को सौंपा

किशोर कुमार बनकर भारत में रह रहे बांग्लादेशी महमूद आलम को पुलिस ने हिरासत में लेकर आईबी को सौंपा

 

राजस्थान राज्य के जोधपुर में एक बांग्लादेशी नागरिक पूरे 7 माह से हिंदुस्तान में अपनी पहचान छुपाकर रह रहा था, जिसे राजस्थान पुलिस ने हिरासत में लेते हुए वैधानिक प्रक्रिया के उपरांत इंटेलिजेंस ब्यूरो को सौंप दिया है।

 

बांग्लादेशी नागरिक की पहचान महमूद आलम के रूप में हुई है। महमूद आलम हिंदुस्तान में बीते 7 महीने से अपनी पहचान छुपा कर हिंदू नाम से रह रहा था। महमूद आलम ने फर्जी पहचान पत्र भी बनवा लिए थे जिसमें उसका नाम किशोर कुमार और पिता का नाम किरण कुमार लिखा हुआ था। बांग्लादेशी नागरिक महमूद आलम ने इसी नाम से अपना आधार कार्ड भी दिखाया।

 

‘ऑप इण्डिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार मामला राजस्थान के जोधपुर जिले के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मथुरा दास माथुर (एमडीएम) अस्पताल का है। जहां इलाज करवाने गए एक युवक के हाव भाव पर डॉक्टर को शक होने लगा। और डॉक्टरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो उसने अपना नाम किशोर कुमार और पिता का नाम किरण कुमार बताते हुए अपना आधार कार्ड एवं परिचय पत्र दिखाया।

 

पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर युवक ने स्वयं को बांग्लादेशी नागरिक होने के विषय में जानकारी दी। पूछताछ में युवक ने खुलासा किया कि उसका नाम महमूद आलम है और उसके पिता का नाम शमशुल आलम है। जो बांग्लादेश के मदिरापुरा स्थित दुरगावोरदी का निवासी है। बांग्लादेशी नागरिक महमूद आलम का पासपोर्ट भी इसी नाम और पते से बना हुआ है।

प्रतीकात्मक छवि (साभार गूगल)

पुलिस द्वारा हुई पूछताछ में महमूद आलम ने जानकारी देते हुए बताया है कि वह सबसे पहले कोलकाता गया था और वहां से दिल्ली होते हुए जैसलमेर जा पहुंचा। जब महमूद आलम दिल्ली में रह रहा था, उसी दौरान उसे एक वाहन ने टक्कर मार दिया था। इसी चोट की वजह से मोहम्मद के पैर में घाव बढ़ गया और उसमें कीड़े पड़ गए थे। दिल्ली के साथी द्वारा उसे जैसलमेर में काम दिलाया गया था। अपने पैर में हुए घाव का उपचार करने महमूद आलम जैसलमेर से जोधपुर एमडीएम अस्पताल आया था। इसी दौरान डॉक्टरों को शक होने पर डॉक्टरों ने पुलिस बुला लिया।

 

महमूद आलम ने आगे अभी बताया कि वह काम करने के लिए वीजा लेकर हिंदुस्तान आया था, लेकिन! मई 2023 में वीजा समाप्त हो जाने पर वह बाद में वापस बांग्लादेश नहीं गया। वहीं पुलिस ने भी वैधानिक कार्रवाई उपरांत राष्ट्रीय सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद आलम को हिरासत में लेकर आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) को सौंप दिया है। अब इंटेलिजेंस ब्यूरो महमूद आलम से लगातार पूछताछ कर रही है और पुलिस के द्वारा भी महमूद आलम के पास मिले हुए दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

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