उत्तर प्रदेश में मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग, एसआईटी की जांच में हुआ खुलासा

Subhash Kumar.
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के नवंबर माह में सभी 75 जिलों के मदरसों का सर्वेक्षण किया गया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सर्वेक्षण के दौरान 8,496 मदरसे असंवैधानिक रूप से संचालित पाए गए थे। मदरसे में छात्र-छात्राओं की स्थिति को लेकर सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण के दौरान मदरसे की बुनियादी सुविधाएं, मदरसा संचालित करने वाले का नाम, मदरसे निजी भवन में है अथवा किराए के मकान में संचालित किए जा रहे हैं, अध्यनरत छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है? पेयजल, कुर्सी, मेज, विद्युत आपूर्ति एवं शौचालय आदि की व्यवस्था का भी सर्वेक्षण किया गया था। मदरसे में शिक्षकों की संख्या एवं किस स्रोत के माध्यम से मदरसे में आय हो रही है? इन सभी बिंदुओं पर भी सर्वेक्षण किया गया था।
पाञ्चजन्य की एक रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान असंवैधानिक रूप से मदरसे संचालित होने की जानकारी सामने आई थी। जिसमें अब एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एसआईटी को जांच में जानकारी मिली है कि लगभग 108 मदरसों को सऊदी अरब, नेपाल, बांग्लादेश एवं अन्य देशों से फंडिंग की जा रही है। एसआईटी की जांच में विदेशी फंडिंग होने की जानकारी सामने आने के बाद अब एसआईटी ने अपनी जांच और तेज कर दी है।

साभार पाञ्चजन्य
अवैध रूप से संचालित होने वाले मदरसों में प्रशासन की अब कड़ी नजर है। गौरतलब है कि अल्पसंख्यक बच्चों को उनकी गरीबी का फायदा उठाते हुए विदेशी फंडिंग प्राप्त कर अवैध रूप से संचालित होने वाले मदरसों में उन्हे संदिग्ध गतिविधियों में शामिल कर दिया जाता है, और उन्हे गलत कार्यों हेतु बाहर ले जाया जाता है। अब ऐसे मदरसों पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है और वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मदरसा संचालकों का कहना है कि मदरसे चंदे और जकात से चल रहे हैं।