Epstein Files: नाबालिग लड़कियों के शरीर पर ‘Lolita’ की लाइनें, सामने आईं दिल दहला देने वाली तस्वीरें

Delhi Desk: अमेरिका में जारी हुई एपस्टीन फाइल्स ने पूरी दुनिया की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। 19 दिसंबर को अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा सार्वजनिक की गई गोपनीय फाइलों में ऐसे खुलासे सामने आए हैं, जिन्होंने मानवता को शर्मसार कर दिया। यह वही जेफ्री एपस्टीन है, जिसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा पीडोफाइल और सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क का मास्टरमाइंड माना जाता है।
अब सामने आए सबूत बताते हैं कि एपस्टीन सिर्फ शोषण तक सीमित नहीं था, बल्कि उसने अपराध को साहित्य, कला और फैंटेसी का जामा पहनाकर पेश करने की खौफनाक कोशिश की।
‘लोलिता’ की पंक्तियां और बीमार मानसिकता
डेमोक्रेट सांसदों द्वारा जारी की गई 68 तस्वीरें इस केस का सबसे वीभत्स पहलू हैं। इन तस्वीरों में लड़कियों और नाबालिगों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों—छाती, गर्दन, पैर और कूल्हों—पर काली स्याही से विवादित उपन्यास ‘Lolita’ की पंक्तियां लिखी हुई देखी गईं।
यह वही उपन्यास है, जिसे लेखक व्लादिमीर नोबोकोव ने लिखा था और जो एक 12 साल की बच्ची के यौन शोषण की कहानी पर आधारित है। इसी वजह से इस किताब को कई देशों में प्रतिबंधित भी किया जा चुका है। जांच एजेंसियों का कहना है कि इन पंक्तियों का इस्तेमाल यौन अपराध को “रोमांटिक” और “आकर्षक” दिखाने के लिए किया जाता था।
अपराध को ‘खूबसूरती’ का नाम देने की साजिश
जांच में सामने आया है कि इन तस्वीरों को संभावित ग्राहकों और ताकतवर लोगों तक भेजा जाता था। उद्देश्य साफ था—
यौन शोषण जैसे जघन्य अपराध को ग्लैमराइज करना, ताकि पीड़ितों की पीड़ा दब जाए और अपराधी खुद को बौद्धिक या कलात्मक साबित कर सके।
अंतरराष्ट्रीय सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क के पुख्ता सबूत
फाइलों में मिले एक स्क्रीनशॉट में एक अज्ञात व्यक्ति 1000 डॉलर प्रति लड़की के हिसाब से रूस से 18 वर्षीय युवती को भेजने की बात करता नजर आता है। इसके साथ ही—
रूस, यूक्रेन, लिथुआनिया, चेक गणराज्य समेत कई देशों की महिलाओं के
पासपोर्ट और पहचान पत्रों की तस्वीरें
संदिग्ध दवाइयों की बोतलें
और सैन्य शैली के कैमुफ्लॉज उपकरण
भी बरामद हुए हैं, जो इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले होने की पुष्टि करते हैं।
सवाल जो पूरी दुनिया पूछ रही है
एपस्टीन फाइल्स ने यह साफ कर दिया है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का अपराध नहीं था, बल्कि सत्ता, पैसा और रसूख से संरक्षित एक पूरा तंत्र काम कर रहा था।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है—
क्या एपस्टीन से जुड़े सभी रसूखदार चेहरे बेनकाब होंगे, या यह सच्चाई भी ताकत के आगे दबा दी जाएगी?
