पांढुर्णा का खूनी मेला: गोटमार में अब तक 595 घायल, एम्बुलेंस भी भीड़ में फंसी, जानिए क्या है परंपरा

पांढुर्णा का खूनी मेला: गोटमार में अब तक 595 घायल, एम्बुलेंस भी भीड़ में फंसी, जानिए क्या है परंपरा

छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) – परंपरा के नाम पर खूनी खेल एक बार फिर पांढुर्णा में दोहराया गया। शनिवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुए गोटमार मेले में पांढुर्णा और सावरगांव की ओर से जाम नदी के किनारे एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी की गई। ताजा जानकारी के अनुसार, अब तक 595 लोग घायल हो चुके हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है।

जगह-जगह से घायलों को स्ट्रेचर और बाइक के जरिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, लेकिन भीड़ के बीच से एम्बुलेंस का निकल पाना मुश्किल हो गया है।

घायलों के इलाज के लिए विशेष इंतजाम

प्रशासन ने मौके पर 6 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं, जहां डॉक्टर और मेडिकल टीम घायलों का तुरंत उपचार कर रहे हैं। मेले की सुरक्षा के लिए 600 पुलिस जवान, 58 डॉक्टर और 200 मेडिकल स्टाफ तैनात हैं। हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए कलेक्टर अजय देव शर्मा ने धारा 144 लागू कर दी है।

68 साल में 13 मौतें, कई ने खोई आंखें और अंग

गोटमार मेले का इतिहास भी खौफनाक रहा है। 1955 से 2023 तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य भी शामिल थे। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस पत्थरबाजी में हाथ, पैर या आंखें खो दीं। फिर भी हर साल यह आयोजन दोगुने जोश के साथ किया जाता है, जबकि जिन परिवारों ने अपने अपनों को खोया, उनके लिए यह दिन शोक का दिन बन चुका है।

पुलिस को नहीं मिली कोई शिकायत

पांढुर्णा थाना प्रभारी अजय मरकाम ने बताया कि मेले में घायल हुए किसी भी व्यक्ति या परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई, जिसके कारण अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।

पत्थर पहले से जमा कर लिए गए थे

मेले में शामिल होने वाले लोगों ने नदी किनारे पहले से ही पत्थरों के ढेर जमा कर रखे थे। शनिवार सुबह 10 बजे चंडी माता की विशेष पूजा के बाद आधिकारिक रूप से गोटमार मेले की शुरुआत हुई और देखते ही देखते दोनों ओर से पत्थरों की बारिश शुरू हो गई।

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