महज एक फोन कॉल और टिकट से मचा बवाल, अर्चना केस में निर्दोष साबित हुए ग्वालियर का आरक्षक”

भोपाल। 12 दिन तक रहस्यमयी तरीके से लापता रही अर्चना तिवारी मामले में अब बड़ा खुलासा सामने आया है। इस केस में पुलिस आरक्षक राम तोमर का नाम भी सामने आया था, लेकिन पुलिस जांच के बाद साफ हो गया है कि उसका इस पूरे घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।
बेवजह शक के घेरे में आए थे राम तोमर
अर्चना की गुमशुदगी को लेकर सोशल मीडिया और चर्चाओं में आरक्षक राम तोमर का नाम जोड़ा जाने लगा था। शुरुआत में कई तरह की अटकलें लगाई गईं, लेकिन पुलिस ने जांच में पाया कि उनका अर्चना तिवारी के ‘मिसिंग केस’ से कोई संबंध नहीं है।
पुलिस ने दी सफाई
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि राम तोमर इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं। उनकी कोई संलिप्तता न तो अर्चना के गुम होने में थी और न ही उस प्लान में, जो अर्चना ने परिवार से बचने के लिए खुद बनाया था।
परिवार और पुलिस दोनों हुए थे हैरान
दरअसल, अर्चना ने खुद अपनी गुमशुदगी का ड्रामा रचा था ताकि वह परिवार के दबाव से बच सके। इस दौरान कई नामों पर शक जताया गया, जिसमें राम तोमर भी शामिल हो गए थे। लेकिन अब जांच ने सब साफ कर दिया है।
