Gwalior News: कर्ज से हुए परेशान तो लिख दी अपहरण की स्क्रिप्ट, पांच आरोपी गिरफ्तार, जानिए किडनैपिंग केस की पूरी कहानी

Gwalior News: कर्ज से हुए परेशान तो लिख दी अपहरण की स्क्रिप्ट, पांच आरोपी गिरफ्तार, जानिए किडनैपिंग केस की पूरी कहानी

ग्वालियर। करीब पौने दो करोड़ रुपए के कर्ज और परिवार से नजदीकी ने मुरैना के अपहरणकर्ताओं को शिवाय की किडनैपिंग के लिए मबूर किया। सनसनीखेज शिवाय गुप्ता अपहरण कांड के दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों ही आरोपी मोनू सिंह और भूरा सिंह मुरैना के जीगनी इलाके के रहने वाले बताए गए हैं एवं आपस में चाचा भतीजे हैं। पुलिस ने इन दोनों बदमाशों का जुलूस निकाला। खास बात यह है कि भूरा सिंह इस परिवार का बेहद करीबी है, लेकिन मोनू और भूरा गुर्जर ने अपने ऊपर चल रहे करोड़ों के कर्ज को चुकाने के लिए यह साजिश की थी। उनका अंदेशा था कि संकट के समय शिवाय के पिता राहुल गुप्ता उस से मदद मांगेंगे और वह बच्चे की सकुशल रिहाई में मेडिएटर की भूमिका निभाते हुए पिता राहुल से करीब एक करोड़ की राशि वसूल लेंगे।

जिससे उनका कर्ज कुछ काम हो जाएगा। पुलिस ने इस मामले में कुल सात आरोपी बनाए हैं। इनमें बंटी और राहुल को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि धम्मू उर्फ धर्मेंद्र, राहुल कंसाना फरार है। पुलिस बुधवार की देर शाम को भोला को भी गिरफ्तार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी की सुबह शिवाय गुप्ता का उस समय बाइक सवारों ने अपहरण कर लिया था जब वह अपनी मां आरती के साथ स्कूल बस पकड़ने जा रहा था। मुरार के सीपी कॉलोनी में घटी यह सनसनीखेज वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। आईजी अरविंद सक्सेना ने इस मामले की जांच पड़ताल के लिए एसआईटी का गठन किया था ।हैरानी की बात यह भी है कि अपहरण के बाद भूरा गुर्जर नामक आरोपी पीड़ित परिवार के घर पहुंचा था लेकिन वहां पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी और मीडिया का जमावड़ा देखते हुए वह समझ गया कि बालक को रिहाई करने में ही सबकी भलाई है अन्यथा उनके साथ कहीं ज्यादा सख्ती हो सकती है।

इसी डर से उन्होंने शिवाय गुप्ता को काजी बसई इलाके में छोड़ दिया था। पता चला है कि भूरा और मोनू द्वारा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में घाटा होने फाइनेंस कंपनी का लोन तथा मकान के लिए लिया गया लोन के कारण यह लोग परेशान थे और इन्हें शिवाय गुप्ता सॉफ्ट टारगेट नजर आया। इसीलिए उन्होंने शिवाय को अगवा कर लिया। गनीमत यह रही कि बदमाशों ने बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और उसे कुछ ही घंटे बाद रिहा करना पड़ा।

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