अनुभव संग तकनीक से मिटाया तेजाब का दंश, पीड़िता के लिए संजीवनी बने अपोलो के डॉक्टर

ग्वालियर। वीरों की धरती ग्वालियर आकर दिल्ली के डॉक्टरों ने ऐसे दुर्लभ मामलों को उजागर किया जो वास्तविकता में किसी चमत्कार से कम नहीं लगते। अपनी सूझबूझ और नई तकनीक की बदौलत नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉक्टर एक तेजाब पीड़िता के संजीवनी बने। इस बीच डॉक्टरों ने बताया कि कैसे उन्होंने उन्नत पुनर्निर्माण सर्जरी के जरिए तेजाब पीड़िता के जीवन और गरिमा को बहाल किया? ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली के बहुचर्चित डॉ. शाहीन नूरेयजदान ने तेजाब पीड़िता और उसके संघर्ष को सबके सामने लाते हुए उनकी चिकित्सा यात्रा के बारे में भी बताया जो किसी दुर्लभ मैराथन से कम नहीं है। नई दिल्ली के अत्याधुनिक चिकित्सा देखभाल में अग्रणी इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के कॉस्मेटिक, प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. शाहीन नूरेयजदान ने बताया कि आज के दौर में, चिकित्सा क्षेत्र के पास काफी बड़ी ताकत है। इसका समय रहते लाभ लेने से उन लोगों के जीवन में भी रोशनी आ जाती है जो सालों से खुद को अंधकार में समेटे हुए हैं। हालांकि ऐसा उपचार करने के लिए बेहतर अनुभव और ज्ञान भी जरूरी है।
साथ ही लोगों में नई चिकित्सा तकनीकों को लेकर भी जागरुकता होनी चाहिए ताकि उन्हें यह पता रहे कि कैसे इसका उपचार संभव हो सकता है? सालों से हर दिन तेजाब की आग में झुलस रही पीड़िता ने भी अपने संघर्ष पर खुलकर बात की। हर दिन आग महसूस करने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और करीब आठ साल बाद डॉक्टरों की मदद से वह तेजाब का दंश मिटाने में कामयाब रहीं। उनका उपचार दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में डॉ. शाहीन नूरेयजदान की विशेषज्ञ देखरेख में हुआ। तेजाब हमले में उनका चेहरा बुरी तरह जल गया था और गंभीर विकृति भी आ गई। इसके चलते उन्हें कई पुनर्निर्माण प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा। आठ साल में चेहरे और उनकी गर्दन को लेकर 14 पुनर्निर्माण सर्जरी हुईं। इस यात्रा में सहायता के लिए 39 लेजर प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
इन जटिल ऑपरेशनों में पलक, नाक और भौंह के पुनर्निर्माण के साथ-साथ एक आधुनिक नेत्र कृत्रिम अंग के साथ आंख के सॉकेट का पुनर्निर्माण भी किया जो सामान्य तौर पर आंख के साथ चलता है।अब यह मामला दर्द की दास्तां के साथ साथ चिकित्सा की एक सफल कहानी भी बन गया है जिसका जीवन उन्नत सर्जिकल विशेषज्ञता और दयालु देखभाल के जरिए डॉक्टरों हमेशा के लिए बदल दिया। यह प्रेरणादायक कहानी न केवल शारीरिक बदलाव बल्कि आघात से बचे लोगों को फिर से सम्मान के साथ जीने की नई आशा देता है जो इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स की हमेशा से प्रतिबद्धता रही है। डॉक्टरों ने बताया कि तेजाब की वजह से न सिर्फ पीड़िता का चेहरा झुलसा बल्कि उसका सौंदर्य भी खत्म कर दिया और उसे लंबे समय के लिए गहरे जख्म मिले। ऐसे चुनौती भरे मामलों के उपचार में वक्त जरूर लग सकता है लेकिन परिणाम चमत्कारिक हो सकते हैं। कार्यक्रम में दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. शाहीन नूरेयजदान ने उन सभी पीड़ितों के मन में एक आत्मविश्वास जगाया जो सालों से ऐसे दर्द भरे दंश को झेलते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस तरह के मामले चिकित्सा प्रगति की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करते हैं। प्लास्टिक सर्जरी सिर्फ सौंदर्यशास्त्र के बारे में नहीं है, यह दर्दनाक घटनाओं के बाद पीड़ितों को फिर से उन्हें पहले जैसा जीवन लौटाने की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सावधानीपूर्वक सर्जिकल हस्तक्षेप के माध्यम से, हम शारीरिक कार्य और भावनात्मक कल्याण दोनों को बहाल करने का प्रयास करते हैं।
इससे मरीजों को फिर से दुनिया का सामना करने का आत्मविश्वास मिलता है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक पुनर्निर्माण प्रक्रिया इंसानी आत्मा के लचीलेपन और चिकित्सा विज्ञान में प्रगति का एक प्रमाण है जो हमें वास्तविक बदलाव लाने में सक्षम बनाती है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बचे लोगों को सर्वोत्तम संभव देखभाल और सहायता मिले, जिससे वे सम्मान और आत्म-आश्वासन के साथ पूर्ण जीवन जी सकें। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता की यह कहानी तेजाब से जलने और गंभीर चोटों के दीर्घकालिक परिणामों को संबोधित करने में पुनर्निर्माण सर्जरी के महत्व को बयां कर रही है। ऐसे मामलों में सफलता मिलने के बाद अक्सर डॉक्टर, उनकी टीम और अस्पताल के वह सभी कर्मचारी, जो जाने अनजाने इनकी यात्रा के साझेदार बनते हैं, उनकी खुशी चंद शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल है। यही वजह है कि चिकित्सा उत्कृष्टता में अग्रणी और विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध अपोलो हॉस्पिटल्स हमेशा मरीजों को उच्चतम मानक की देखभाल देने पर जोर देता है।