मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज ने यूरोलॉजी के मरीजों के लिए ग्वालियर में शुरू की ओपीडी सेवा, किडनी ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी का मिलेगा लाभ

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज ने यूरोलॉजी के मरीजों के लिए ग्वालियर में शुरू की ओपीडी सेवा, किडनी ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी का मिलेगा लाभ

ग्वालियर। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज (नई दिल्ली) ने आज यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट की ओपीडी सेवा का शुभारंभ किया. ये ओपीडी सेवाएं ग्वालियर में सनातन धर्म मंदिर के पास हॉस्पिटल रोड़ पर परिवार हॉस्पिटल के सामने श्री डायग्नोस्टिक स्थित मैक्स पेशंट असिस्टेंस सेंटर (पीएसी) में उपलब्ध रहेंगी। मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉक्टर शैलेश चंद्र सहाय की मौजूदगी में ये ओपीडी सेवा शुरू की गई।

डॉक्टर शैलेष हर महीने के चौथे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक यहां उपलब्ध रहेंगे। पुरुषों में कई तरह की यूरोलॉजिकल यानी मूत्र संबंधी समस्याएं होती हैं, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट और रिप्रोडक्टिव सिस्टम प्रभावित हो सकता है. पुरुषों में इससे संबंधित जो सबसे ज्यादा समस्याएं होती हैं उनमें प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच), इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी), किडनी में स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन(यूटीआई), प्रोस्टेट संबंधी दिक्कतें जैसे प्रोस्टेटिस या प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क रहता है. पुरुषों को अपनी सेहत बनाए रखने के लिए लगातार यूरोलॉजिकल चेकअप कराते रहने और जरूरत पड़ने पर शुरुआती स्टेज में इलाज पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

ओपीडी लॉन्च के दौरान मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉक्टर शैलेश चंद्र सहाय ने कहा, ”रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने यूरोलॉजी से जुड़ी प्रक्रियाओं को बदलकर रख दिया है. प्रोस्टेट सर्जरी में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं, सर्जन अब एकदम सटीकता के साथ पूरा प्रोस्टेट निकालने में सक्षम हैं और इस दौरान आसपास के स्ट्रक्चर या नर्व को भी कोई डैमेज नहीं पहुंचता है, इस तरह पेशाब में किसी तरह की समस्या और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने का रिस्क भी कम हो जाता है. किडनी कैंसर के मामले में रोबोटिक तकनीक की मदद से बड़े ट्यूमर वाले क्षतिग्रस्त हिस्से को पूरी तरह से हटा दिया जाता है और छोटे पार्ट के मामले में सिर्फ ट्यूमर को हटाया जाता है और किडनी का बचा हुआ हिस्सा संरक्षित कर लिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में ब्लड लॉस कम से कम होता है और रिकवरी तेजी से होती है. ब्लैडर की सर्जरी के मामले में, जटिल रिकंस्ट्रक्शन प्रक्रियाओं में रोबोटिक मदद ली जाती है, ब्लैडर निकालने के बाद आंतों के साथ नियो ब्लैडर क्रिएट किया जाता है. इसके अलावा, रोबोट की मदद से की जाने वाली सर्जरी के जरिए टेस्टिकुलर कैंसर, पेनाइल कैंसर और एड्रेनल कैंसर का इलाज बहुत ही सही तरीके से किया जाता है.”

इस तरह की सेवाओं के साथ मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज ग्वालियर के मरीजों के बीच पहुंचा है। ताकि यहां के मरीजों को अच्छा इलाज पाने के लिए दूसरे शहरों की तरफ न जाना पड़े. मूत्र संबंधी समस्याएं पुरुष और महिला दोनों को ही प्रभावित करती हैं, चाहे किसी भी बैकग्राउंड के लोग हों, ये समस्याएं किसी को भी हो सकती हैं और इस तरह की ओपीडी सेवाओं से स्थानीय लोगों की सही इलाज की जरूरतें पूरी होंगी.

किडनी की बीमारी और किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में हुए एडवांसमेंट पर बोलते हुए डॉक्टर सहाय ने कहा, ”पिछले कुछ सालों में किडनी ट्रांसप्लांट और ऑर्गन सपोर्ट के क्षेत्र में इनोवेशन व टेक्नोलॉजी से जुड़े काफी एडवांसमेंट हुए हैं. रोबोट की मदद से किया जाने वाला किडनी ट्रांसप्लांटेशन काफी लाभदायक है, इससे तेजी से रिकवरी होती है, कम दर्द होता है और कम निशान आते हैं व जल्दी ठीक होते हैं. किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए आमतौर पर बॉडी के एक बड़े हिस्से में कट लगाना पड़ता है, जबकि रोबोटिक सर्जरी में बहुत छोटे सा छेद किया जाता है और इसमें मसल्स को नहीं काटा जाता है. इसके अलावा सर्जरी के दौरान खून की हानि कम होती है और मानवीय भूल के चांस भी कम रहते हैं.”

मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज लेप्रोस्कोपिक डोनर नेफ्रेक्टोमी, एबीओ इनकम्पैटिबल ट्रांसप्लांट, नए इम्यूनोसप्रेजंट्स और मिनिमली इनवेसिव रोबोट असिस्टेड ट्रांसप्लांट करने में वर्षों से काफी आगे रहा है। किडनी फेल के बढ़ते मामलों के बीच मैक्स हेल्थकेयर ने ग्वालियर में यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट की ये ओपीडी सेवा शुरू कर इलाके के लोगों को अपने ही शहर में इलाज मुहैया कराने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

CATEGORIES

COMMENTS

Disqus (0 )